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"जा रही है यह लहर भी / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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जा रही है यह लहर भी! | जा रही है यह लहर भी! |
13:05, 28 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
जा रही है यह लहर भी!
चार दिन उर से लगाया,
साथ में रोई, रुलाया,
पर बदलती जा रही है आज तो इसकी नजर भी!
जा रही है यह लहर भी!
हाय! वह लहरी न आती,
जो सुधा का घूँट लाती,
जो न आकर लौटती फिर, कर मुझे देती अमर भी!
जा रही है यह लहर भी!
वो गई तृष्णा जगाकर,
वह गई पागल बनाकर,
आँसुओं से यह भिगाकर,
क्यों लहर आती नहीं है जो पिला जाती जहर भी!
जा रही है यह लहर भी!