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"व्याकुल आज तन-मन-प्राण / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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आज गाने का न दिन है,
 
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बात करना भी कठिन है,
 
बात करना भी कठिन है,
कुंठ-पथ में क्षीण श्वासें हो रहीं लयमान!
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व्याकुल आज तन-मन-प्राण
 
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14:36, 28 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण

व्याकुल आज तन-मन-प्राण!

तन बदन का स्पर्श भूला,
पुलक भूला, हर्ष भूला,
आज अधरों से अपरिचित हो गई मुस्कान!
व्याकुल आज तन-मन-प्राण!

मन नहीं मिलता किसी से,
मन नहीं खिलता किसी से,
आज उर-उल्लास का भी हो गया अवसान!
व्याकुल आज तन-मन-प्राण!

आज गाने का न दिन है,
बात करना भी कठिन है,
कंठ-पथ में क्षीण श्वासें हो रहीं लयमान!
व्याकुल आज तन-मन-प्राण