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"मैं पाषाणों का अधिकारी / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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मैं पाषाणों का अधिकारी! | मैं पाषाणों का अधिकारी! | ||
+ | दो बूँदों से छिछला सागर, | ||
+ | दो फूलों से हल्का भूधर, | ||
+ | कोई न सका ले यह मेरी पूजा छोटी-सी, पर भारी! | ||
+ | मैं पाषाणों का अधिकारी! | ||
+ | मेरी ममता कितनी निर्मम, | ||
+ | कितना उसमें आवेग अगम! | ||
+ | (कितना मेरा उस पर संयम!) | ||
+ | असमर्थ इसे सह सकने को कोमल जगती के नर-नारी! | ||
+ | मैं पाषाणों का अधिकारी! | ||
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20:31, 28 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
मैं पाषाणों का अधिकारी!
है अग्नि तपित मेरा चुंबन,
है वज्र-विनिंदक भुज-बंधन,
मेरी गोदी में कुम्हलाईं कितनी वल्लरियाँ सुकुमारी!
मैं पाषाणों का अधिकारी!
दो बूँदों से छिछला सागर,
दो फूलों से हल्का भूधर,
कोई न सका ले यह मेरी पूजा छोटी-सी, पर भारी!
मैं पाषाणों का अधिकारी!
मेरी ममता कितनी निर्मम,
कितना उसमें आवेग अगम!
(कितना मेरा उस पर संयम!)
असमर्थ इसे सह सकने को कोमल जगती के नर-नारी!
मैं पाषाणों का अधिकारी!