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"इन आंखों से दिन रात बरसात होगी / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर
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न बादल घिरेंगे न बरसात होगी | न बादल घिरेंगे न बरसात होगी | ||
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बड़ी दूर तक रात ही रात होगी | बड़ी दूर तक रात ही रात होगी | ||
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कहीं सुबह होगी कहीं रात होगी | कहीं सुबह होगी कहीं रात होगी | ||
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20:20, 4 अक्टूबर 2009 का अवतरण
इन आंखों से दिन रात बरसात होगी
अगर ज़िंदगी सर्फ़-ए-जज़्बात होगी
मुसाफ़िर हो तुम भी, मुसाफ़िर हैं हम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
सदाओं को अल्फाज़ मिलने न पायें
न बादल घिरेंगे न बरसात होगी
चराग़ों को आँखों में महफूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
अज़ल-ता-अब्द तक सफ़र ही सफ़र है
कहीं सुबह होगी कहीं रात होगी