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"लहरों में साथ रहे कोई / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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कुछ बात कहे कोई ।
 
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लहरें ये
 
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लहरें वे
 
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इनमें ठहराव कहाँ
 
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दो पल
 
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लहरों के साथ रहे कोई ।
 
लहरों के साथ रहे कोई ।
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20:36, 4 अक्टूबर 2009 का अवतरण


बाँह गहे कोई

अपरिचय के
सागर में
दृष्टि को पकड़ कर
कुछ बात कहे कोई ।

लहरें ये
लहरें वे
इनमें ठहराव कहाँ
पल
दो पल
लहरों के साथ रहे कोई ।