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"भारती वन्दना / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"" के अवतरणों में अंतर
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23:10, 8 अक्टूबर 2009 का अवतरण
भारति, जय, विजय करे
कनक - शस्य - कमल धरे!
लंका पदतल - शतदल
गर्जितोर्मि सागर - जल
धोता शुचि चरण - युगल
स्तव कर बहु अर्थ भरे!
तरु-तण वन - लता - वसन
अंचल में खचित सुमन,
गंगा ज्योतिर्जल - कण
धवल - धार हार लगे!
मुकुट शुभ्र हिम - तुषार
प्राण प्रणव ओंकार,
ध्वनित दिशाएँ उदार,
शतमुख - शतरव - मुखरे!