भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
लेखक: [[{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]][[Category:कविताएँ]][[Category:|संग्रह=अनामिका / सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*}}{{KKCatKavita}}<PREpoem>कुछ न हुआ, न हो।हो
मुझे विश्व का सुख, श्री, यदि केवल
::::पास तुम रहो!
मेरे नभ के बादल यदि न कटे-
:::चन्द्र रह गया ढका,
तिमिर रात को तिरकर यदि न अटे
ले :::लेश गगन-भास का,
रहेंगे अधर हँसते, पथ पर, तुम
:::हाथ यदि गहो।बहु -रस साहित्य विपुल यदि न पढ़ा--:::मन्द सबों ने कहा,मेरा काव्यानुमान यदि न बढ़ा--:::ज्ञान , जहाँ का रहा,
रहे, समझ है मुझमें पूरी, तुम
:::कथा यदि कहो।   </PREpoem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits