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"जीवन की ढलने लगी साँझ / अटल बिहारी वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
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जीवन की ढलने लगी सांझ। | जीवन की ढलने लगी सांझ। | ||
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23:39, 12 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
जीवन की ढलने लगी सांझ
उमर घट गई
डगर कट गई
जीवन की ढलने लगी सांझ।
बदले हैं अर्थ
शब्द हुए व्यर्थ
शान्ति बिना खुशियाँ हैं बांझ।
सपनों में मीत
बिखरा संगीत
ठिठक रहे पांव और झिझक रही झांझ।
जीवन की ढलने लगी सांझ।