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"देखूँ सबके उर की डाली / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर

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देखूँ सबके उर की डाली
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किसने रे क्या-क्या चुने फूल
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जग के छवि-उपवन से अकूल !
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इसमें कलि, किसलय,कुसुम, शूल ! 
  
देखूँ सबके उर की डाली<br>
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किस छवि, किस मधु के मधुर भाव ?
किसने रे क्या-क्या चुने फूल<br>
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किस रँग, रस, रुचि से किसे चाव !  
जग के छवि-उपवन से अकूल !<br>
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कवि से रे किसका क्या दुराव !
इसमें कलि, किसलय,कुसुम, शूल !<br><br>
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किस छवि, किस मधु के मधुर भाव ?<br>
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किसने ली पिक की विरह तान ?  
किस रँग, रस, रुचि से किसे चाव !<br>
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किसने मधुकर का मिलन गान ?
कवि से रे किसका क्या दुराव !<br><br>
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या फुल्ल कुसुम, या मुकुल म्लान ?
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देखूँ सबके उर की डाली- 
  
किसने ली पिक की विरह तान ?<br>
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सब में कुछ सुख के तरुण फूल  
किसने मधुकर का मिलन गान ?<br>
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सब में कुछ दुख के करुण शूल-  
या फुल्ल कुसुम, या मुकुल म्लान ?<br>
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सुख-दुख न कोई सका भूल ?  
देखूँ सबके उर की डाली-<br><br>
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सब में कुछ सुख के तरुण फूल<br>
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सुख-दुख न कोई सका भूल ? <br><br>
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(फरवरी,1932)
 
(फरवरी,1932)
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13:06, 13 अक्टूबर 2009 का अवतरण

देखूँ सबके उर की डाली
किसने रे क्या-क्या चुने फूल
जग के छवि-उपवन से अकूल !
इसमें कलि, किसलय,कुसुम, शूल !

किस छवि, किस मधु के मधुर भाव ?
किस रँग, रस, रुचि से किसे चाव !
कवि से रे किसका क्या दुराव !

किसने ली पिक की विरह तान ?
किसने मधुकर का मिलन गान ?
या फुल्ल कुसुम, या मुकुल म्लान ?
देखूँ सबके उर की डाली-

सब में कुछ सुख के तरुण फूल
सब में कुछ दुख के करुण शूल-
सुख-दुख न कोई सका भूल ?

(फरवरी,1932)