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"हमसे मुसाफ़िरों का सफ़र इंतज़ार है / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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किस रोशनी के शहर से गुज़रे हैं तेज़ रौं
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नीले समन्दरों पे सुनहरा गुबार है
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आई निदा वो उड़ते सितारे इधर मुझे  
 
आई निदा वो उड़ते सितारे इधर मुझे  
 
इन बदलियों के पीछे कोई कोहसार है  
 
इन बदलियों के पीछे कोई कोहसार है  
 
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04:22, 15 अक्टूबर 2009 का अवतरण

हमसे मुसाफ़िरों का सफ़र इन्तिज़ार है
सब खिड़कियों के सामने लम्बी क़तार है

बाँसों के जंगलों में वो ही तेज़ बू मिली
जिनका हमारी बस्तियों में कारोबार है

ग़ुब्बारा फट रहा है हवाओं के ज़ोर से
दुनिया को अपनी मौत का अब इन्तिज़ार है

किस रोशनी के शहर से गुज़रे हैं तेज़ रौ
नीले समन्दरों पे सुनहरा ग़ु
बार है

आई निदा वो उड़ते सितारे इधर मुझे
इन बदलियों के पीछे कोई कोहसार है