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"बढे़ चलो, बढे़ चलो / सोहनलाल द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

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न हाथ एक शस्त्र हो,  
 
न हाथ एक शस्त्र हो,  
 
 
न हाथ एक अस्त्र हो,  
 
न हाथ एक अस्त्र हो,  
 
 
न अन्न वीर वस्त्र हो,  
 
न अन्न वीर वस्त्र हो,  
 
 
हटो नहीं, डरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।  
 
हटो नहीं, डरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।  
 
 
  
 
रहे समक्ष हिम-शिखर,  
 
रहे समक्ष हिम-शिखर,  
 
 
तुम्हारा प्रण उठे निखर,  
 
तुम्हारा प्रण उठे निखर,  
 
 
भले ही जाए जन बिखर,  
 
भले ही जाए जन बिखर,  
 
 
रुको नहीं, झुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
रुको नहीं, झुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
 
  
 
घटा घिरी अटूट हो,  
 
घटा घिरी अटूट हो,  
 
 
अधर में कालकूट हो,  
 
अधर में कालकूट हो,  
 
 
वही सुधा का घूंट हो,  
 
वही सुधा का घूंट हो,  
 
 
जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
 
  
 
गगन उगलता आग हो,  
 
गगन उगलता आग हो,  
 
 
छिड़ा मरण का राग हो,
 
छिड़ा मरण का राग हो,
 
 
लहू का अपने फाग हो,  
 
लहू का अपने फाग हो,  
 
 
अड़ो वहीं, गड़ो वहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
अड़ो वहीं, गड़ो वहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
 
  
 
चलो नई मिसाल हो,  
 
चलो नई मिसाल हो,  
 
 
जलो नई मिसाल हो,
 
जलो नई मिसाल हो,
 
 
बढो़ नया कमाल हो,
 
बढो़ नया कमाल हो,
 
 
झुको नही, रूको नही, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
झुको नही, रूको नही, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
 
  
 
अशेष रक्त तोल दो,  
 
अशेष रक्त तोल दो,  
 
 
स्वतंत्रता का मोल दो,  
 
स्वतंत्रता का मोल दो,  
 
 
कड़ी युगों की खोल दो,  
 
कड़ी युगों की खोल दो,  
 
 
डरो नही, मरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
 
डरो नही, मरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।
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10:00, 17 अक्टूबर 2009 का अवतरण

न हाथ एक शस्त्र हो,
न हाथ एक अस्त्र हो,
न अन्न वीर वस्त्र हो,
हटो नहीं, डरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।

रहे समक्ष हिम-शिखर,
तुम्हारा प्रण उठे निखर,
भले ही जाए जन बिखर,
रुको नहीं, झुको नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।

घटा घिरी अटूट हो,
अधर में कालकूट हो,
वही सुधा का घूंट हो,
जिये चलो, मरे चलो, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।

गगन उगलता आग हो,
छिड़ा मरण का राग हो,
लहू का अपने फाग हो,
अड़ो वहीं, गड़ो वहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।

चलो नई मिसाल हो,
जलो नई मिसाल हो,
बढो़ नया कमाल हो,
झुको नही, रूको नही, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।

अशेष रक्त तोल दो,
स्वतंत्रता का मोल दो,
कड़ी युगों की खोल दो,
डरो नही, मरो नहीं, बढ़े चलो, बढ़े चलो ।