भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फिर किसी से दिल लगाया जाएगा / श्रद्धा जैन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो
छो
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
{{KKCatGhazal}}
 
{{KKCatGhazal}}
 
<poem>
 
<poem>
अब नया दीया जलाया जाएगा  
+
अब नया दीपक जलाया जाएगा  
 
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा
 
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा
  
चाँद गर साथी न मेरा बन सका
+
चाँद गर साथी न मेरा बन सके
 
साथ सूरज का निभाया जाएगा  
 
साथ सूरज का निभाया जाएगा  
  

09:31, 24 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

अब नया दीपक जलाया जाएगा
फिर किसी से दिल लगाया जाएगा

चाँद गर साथी न मेरा बन सके
साथ सूरज का निभाया जाएगा

रस्म-ए-रुखसत को निभाने के लिए
फूल आँखों का चढ़ाया जाएगा

कर भला कितना भी दुनिया में मगर
मरने पे ही बुत बनाया जाएगा

आईना सूरत बदलने जब लगे
ख़ुद को फिर कैसे बचाया जाएगा

फिर क़रीने से सजा ने एलबम
उनको पहलू में बिठाया जाएगा