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"आये दिन बहार के / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर
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'स्वेत-स्याम-रतनार' अँखिया निहार के | 'स्वेत-स्याम-रतनार' अँखिया निहार के |
22:04, 24 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
'स्वेत-स्याम-रतनार' अँखिया निहार के
सिण्डकेटी प्रभुओं की पग-धूर झार के
लौटे हैं दिल्ली से कल टिकट मार के
खिले हैं दाँत ज्यों दाने अनार के
आए दिन बहार के !
बन गया निजी काम-
दिलाएंगे और अन्न दान के, उधार के
टल गये संकट यू.पी.-बिहार के
लौटे टिकट मार के
आए दिन बहार के !
सपने दिखे कार के
गगन-विहार के
सीखेंगे नखरे, समुन्दर-पार के
लौटे टिकट मार के
आए दिन बहार के !
रचनाकाल : 1966