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"खुरदरे पैर / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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कर रहे थे मात त्रिविक्रम वामन के पुराने पैरों को
 
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नाप रहे थे धरती का अनहद फासला
 
नाप रहे थे धरती का अनहद फासला
 
 
घण्टों के हिसाब से ढोये जा रहे थे !
 
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देर तक टकराए
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भूल नहीं पाऊंगा फटी बिवाइयाँ
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धँस गईं कुसुम-कोमल मन में
  
  
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''१९६१ में लिखी गई''
 
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उस दिन इन आंखों से वे पैर
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भूल नहीं पाऊंगा फटी बिवाइयां
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खुब गयीं दूधिया निगाहों में
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धंस गयीं कुसुम-कोमल मन में
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१९६१ में लिखी गई
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22:13, 24 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

खुब गए
दूधिया निगाहों में
फटी बिवाइयोंवाले खुरदरे पैर

धँस गए
कुसुम-कोमल मन में
गुट्ठल घट्ठोंवाले कुलिश-कठोर पैर

दे रहे थे गति
रबड़-विहीन ठूँठ पैडलों को
चला रहे थे
एक नहीं, दो नहीं, तीन-तीन चक्र
कर रहे थे मात त्रिविक्रम वामन के पुराने पैरों को
नाप रहे थे धरती का अनहद फासला
घण्टों के हिसाब से ढोये जा रहे थे !

देर तक टकराए
उस दिन इन आँखों से वे पैर
भूल नहीं पाऊंगा फटी बिवाइयाँ
खुब गईं दूधिया निगाहों में
धँस गईं कुसुम-कोमल मन में


१९६१ में लिखी गई