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"कब देखौंगी नयन वह मधुर मूरति / तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर
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तुलसीदास रघुबीरकी सोभा सुमिरि, | तुलसीदास रघुबीरकी सोभा सुमिरि, | ||
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06:18, 26 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
कब देखौंगी नयन वह मधुर मूरति ?
राजिवदल-नयन, कोमल-कृपा-अयन,
मयननि बहु छबि अंगनि दूरति॥१॥
सिरसि जटाकलाप पानि सायक चाप
उरसि रुचिर बनमाल मूरति।
तुलसीदास रघुबीरकी सोभा सुमिरि,
भई है मगन नहिं तनकी सूरति॥२॥