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"मेरे रावरिये गति रघुपति है बलि जाउँ / तुलसीदास" के अवतरणों में अंतर

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मेरे रावरिये गति रघुपति है बलि जाउँ।
 
निलज नीच निर्गुन निर्धन कहँ जग दूसरो न ठाकुन ठाउँ॥१॥
 
निलज नीच निर्गुन निर्धन कहँ जग दूसरो न ठाकुन ठाउँ॥१॥
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प्रनतारति-भंजन, जन-रंजन, सरनागत पबि पंजर नाउँ।
 
प्रनतारति-भंजन, जन-रंजन, सरनागत पबि पंजर नाउँ।
 
कीजै दास दास तुलसी अब, कृपासिंधु बिनु मोल बिकाउँ॥३॥
 
कीजै दास दास तुलसी अब, कृपासिंधु बिनु मोल बिकाउँ॥३॥
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23:35, 26 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

मेरे रावरिये गति रघुपति है बलि जाउँ।
निलज नीच निर्गुन निर्धन कहँ जग दूसरो न ठाकुन ठाउँ॥१॥
हैं घर-घर बहु भरे सुसाहिब, सूझत सबनि आपनो दाउँ।
बानर-बंधु बिभीषन हित बिनु, कोसलपाल कहूँ न समाउँ॥२॥
प्रनतारति-भंजन, जन-रंजन, सरनागत पबि पंजर नाउँ।
कीजै दास दास तुलसी अब, कृपासिंधु बिनु मोल बिकाउँ॥३॥