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"गुनह करेंगे / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर

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कवि: अशोक चक्रधर
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हम तो करेंगे  
 
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गुनह करेंगे
 
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पुनह करेंगे।
 
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वजह नहीं
 
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बेवजह करेंगे।
 
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कल से ही लो
 
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कलह करेंगे।
 
कलह करेंगे।
 
 
जज़्बातों को
 
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जिबह करेंगे
 
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निर्लज्जों से
 
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निबह करेंगे
 
निबह करेंगे
 
 
सुलगाने को
 
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सुलह करेंगे।
 
सुलह करेंगे।
 
 
हम ज़ालिम क्यों
 
हम ज़ालिम क्यों
 
 
जिरह करेंगे
 
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संबंधों में
 
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गिरह करेंगे
 
गिरह करेंगे
 
 
रस विशेष में
 
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विरह करेंगे
 
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जो हो, अपनी
 
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तरह करेंगे
 
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रात में चूके
 
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सुबह करेंगे
 
सुबह करेंगे
  
 
गुनह करेंगे
 
गुनह करेंगे
 
 
पुनह करेंगे
 
पुनह करेंगे
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08:50, 28 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

हम तो करेंगे

गुनह करेंगे
पुनह करेंगे।
वजह नहीं
बेवजह करेंगे।

कल से ही लो
कलह करेंगे।
जज़्बातों को
जिबह करेंगे
निर्लज्जों से
निबह करेंगे
सुलगाने को
सुलह करेंगे।
हम ज़ालिम क्यों
जिरह करेंगे

संबंधों में
गिरह करेंगे
रस विशेष में
विरह करेंगे
जो हो, अपनी
तरह करेंगे
रात में चूके
सुबह करेंगे

गुनह करेंगे
पुनह करेंगे