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"फिर तो / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर

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आख़िर कब तक इश्क<br>
 
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इकतरफ़ा करते रहोगे,<br>
 
इकतरफ़ा करते रहोगे,<br>

09:38, 28 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

आख़िर कब तक इश्क
इकतरफ़ा करते रहोगे,
उसने तुम्हारे दिल को
चोट पहुँचाई
तो क्या करोगे?

-ऐसा हुआ तो
लात मारूँगा
उसके दिल को।

-फिर तो पैर में भी
चोट आएगी तुमको।