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"चल दी जी, चल दी / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर

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मैंने कहा
 
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ना
 
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तुम्हारे लिए खरीदभर बाज़ार है
 
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उसने कहा
 
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बन्द
 
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मैंने पूछा
 
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क्यों
 
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उसने कहा
 
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मन
 
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मैंने कहा
 
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न लगने की क्या बात है
 
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उअसने कहा
 
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बातें करेंगे यहीं
 
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मैंने कहा
 
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नहीं, चलो कहीं
 
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झुंझलाई
 
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क्या-आ है ?
 
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मैनें कहा
 
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कुर्ता ख़रीदना है अपने लिए ।
 
कुर्ता ख़रीदना है अपने लिए ।
 
 
चल दी जी, चल दी
 
चल दी जी, चल दी
 
 
वो ख़ुशी-ख़ुशी जल्दी ।
 
वो ख़ुशी-ख़ुशी जल्दी ।
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09:50, 28 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

मैंने कहा
चलो
उसने कहा
ना
मैंने कहा
तुम्हारे लिए खरीदभर बाज़ार है
उसने कहा
बन्द
मैंने पूछा
क्यों
उसने कहा
मन
मैंने कहा
न लगने की क्या बात है
उअसने कहा
बातें करेंगे यहीं
मैंने कहा
नहीं, चलो कहीं
झुंझलाई
क्या-आ है ?
मैनें कहा
कुर्ता ख़रीदना है अपने लिए ।
चल दी जी, चल दी
वो ख़ुशी-ख़ुशी जल्दी ।