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"फिर कभी / अशोक चक्रधर" के अवतरणों में अंतर
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राग बागेश्री । | राग बागेश्री । | ||
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फिर कभी गाऊँगी जी । | फिर कभी गाऊँगी जी । | ||
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09:51, 28 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण
एक गुमसुम मैना है
अकेले में गाती है
राग बागेश्री ।
तोता उससे कहे
कुछ सुनाओ तो ज़रा
तो
चोंच चढ़ाकर कहती है
फिर कभी गाऊँगी जी ।