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"मोटी पत्नी / काका हाथरसी" के अवतरणों में अंतर

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ढाई मन से कम नहीं, तौल सके तो तौल
 
ढाई मन से कम नहीं, तौल सके तो तौल
 
 
किसी-किसी के भाग्य में, लिखी ठौस फ़ुटबौल
 
किसी-किसी के भाग्य में, लिखी ठौस फ़ुटबौल
 
 
लिखी ठौस फ़ुटबौल, न करती घर का धंधा
 
लिखी ठौस फ़ुटबौल, न करती घर का धंधा
 
 
आठ बज गये किंतु पलंग पर पड़ा पुलंदा
 
आठ बज गये किंतु पलंग पर पड़ा पुलंदा
 
 
कहँ ‘ काका ' कविराय , खाय वह ठूँसमठूँसा
 
कहँ ‘ काका ' कविराय , खाय वह ठूँसमठूँसा
 
 
यदि ऊपर गिर पड़े, बना दे पति का भूसा
 
यदि ऊपर गिर पड़े, बना दे पति का भूसा
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00:24, 29 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

ढाई मन से कम नहीं, तौल सके तो तौल
किसी-किसी के भाग्य में, लिखी ठौस फ़ुटबौल
लिखी ठौस फ़ुटबौल, न करती घर का धंधा
आठ बज गये किंतु पलंग पर पड़ा पुलंदा
कहँ ‘ काका ' कविराय , खाय वह ठूँसमठूँसा
यदि ऊपर गिर पड़े, बना दे पति का भूसा