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"पतझर-2 / अचल वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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हर दिन  
 
हर दिन  
 
 
सुबह होते ही
 
सुबह होते ही
 
 
गुड़ की गंधाती चाय
 
गुड़ की गंधाती चाय
 
 
बीमार मेमनों से
 
बीमार मेमनों से
 
 
रिरियाते बच्चे
 
रिरियाते बच्चे
 
 
खुरदुरे पत्थर पर
 
खुरदुरे पत्थर पर
 
 
घिसती वह औरत
 
घिसती वह औरत
 
 
स्वयं को
 
स्वयं को
 
 
अस्वीकृत करता वह आदमी
 
अस्वीकृत करता वह आदमी
 
  
 
एक पतझर
 
एक पतझर
 
 
देर रात तक
 
देर रात तक
 
 
लोगों के कान उमेठता है
 
लोगों के कान उमेठता है
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23:58, 31 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

हर दिन
सुबह होते ही
गुड़ की गंधाती चाय
बीमार मेमनों से
रिरियाते बच्चे
खुरदुरे पत्थर पर
घिसती वह औरत
स्वयं को
अस्वीकृत करता वह आदमी

एक पतझर
देर रात तक
लोगों के कान उमेठता है