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"तुम्हारा फैसला / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर

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दुनिया में कितना दुख–दर्द है?
 
दुनिया में कितना दुख–दर्द है?
 
 
जानना चाहते हो? –
 
जानना चाहते हो? –
 
 
किसी अस्पताल के जनरल वार्ड में जाओ ।
 
किसी अस्पताल के जनरल वार्ड में जाओ ।
 
 
पहला ही चक्का तुम्हारी खुमारी मिटा देगा  
 
पहला ही चक्का तुम्हारी खुमारी मिटा देगा  
 
 
दूसरा काफ़ी होगा कि तुम्हें होश में ले आए...
 
दूसरा काफ़ी होगा कि तुम्हें होश में ले आए...
 
 
और इससे पहले कि तुम वहाँ से  
 
और इससे पहले कि तुम वहाँ से  
 
 
जान बचाकर के भागो-
 
जान बचाकर के भागो-
 
 
यह अनुभव कि तमाम लोग कितने साहस  
 
यह अनुभव कि तमाम लोग कितने साहस  
 
 
और धीरज से झेलते हैं अपनी  तकलीफ़ें  
 
और धीरज से झेलते हैं अपनी  तकलीफ़ें  
 
 
शायद तुम्हें याद दिलाए कि   
 
शायद तुम्हें याद दिलाए कि   
 
 
ज़रा-ज़रा सी बात पर तुम किस कदर
 
ज़रा-ज़रा सी बात पर तुम किस कदर
 
 
चीखते–चिल्लाते रहे हो...
 
चीखते–चिल्लाते रहे हो...
 
 
इसके बाद तो ख़ुद तुम ही तय करोगे शायद  
 
इसके बाद तो ख़ुद तुम ही तय करोगे शायद  
 
 
कि शामिल होगे तुम किसमें?
 
कि शामिल होगे तुम किसमें?
 
 
नर्सिग ब्रिगेड में? या कर्सिग ब्रिगेड में?
 
नर्सिग ब्रिगेड में? या कर्सिग ब्रिगेड में?
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11:40, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

दुनिया में कितना दुख–दर्द है?
जानना चाहते हो? –
किसी अस्पताल के जनरल वार्ड में जाओ ।
पहला ही चक्का तुम्हारी खुमारी मिटा देगा
दूसरा काफ़ी होगा कि तुम्हें होश में ले आए...
और इससे पहले कि तुम वहाँ से
जान बचाकर के भागो-
यह अनुभव कि तमाम लोग कितने साहस
और धीरज से झेलते हैं अपनी तकलीफ़ें
शायद तुम्हें याद दिलाए कि
ज़रा-ज़रा सी बात पर तुम किस कदर
चीखते–चिल्लाते रहे हो...
इसके बाद तो ख़ुद तुम ही तय करोगे शायद
कि शामिल होगे तुम किसमें?
नर्सिग ब्रिगेड में? या कर्सिग ब्रिगेड में?