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"किन्तु वह सितारा / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर

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भीगा आकाश,
 
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बूँदें,
 
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पेड़ नम,
 
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रात के अँधेरे में
 
रात के अँधेरे में
 
 
नभ अदृष्ट ।
 
नभ अदृष्ट ।
 
 
गीली धरती भी चुप,
 
गीली धरती भी चुप,
 
 
मौन दिशा ।
 
मौन दिशा ।
 
 
दीवारें तम की  
 
दीवारें तम की  
 
 
सब ओर घिरीं ।
 
सब ओर घिरीं ।
 
 
  
 
किन्तु वह सितारा :
 
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वह नन्ही-सी ज्योतिमान धारा:
 
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वह तारा…
 
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वह चमके ही जाता है,
 
वह चमके ही जाता है,
 
 
बूँदों, अँधियारों के,
 
बूँदों, अँधियारों के,
 
 
मौन के प्रहारों के  
 
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विरुद्ध ।
 
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19:57, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

भीगा आकाश,
बूँदें,
पेड़ नम,
रात के अँधेरे में
नभ अदृष्ट ।
गीली धरती भी चुप,
मौन दिशा ।
दीवारें तम की
सब ओर घिरीं ।

किन्तु वह सितारा :
वह नन्ही-सी ज्योतिमान धारा:
वह तारा…
वह चमके ही जाता है,
बूँदों, अँधियारों के,
मौन के प्रहारों के
विरुद्ध ।