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"बातचीत / शैलेय" के अवतरणों में अंतर

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मोड़ के इस पार
 
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सिर्फ इधर का दृश्य ही दिखाई दे रहा है
 
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उस पार
 
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सिर्फ उसी दिशा की चीजें
 
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ठीक मोड़ पर खड़े होने पर
 
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दृश्य
 
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दोनों तरफ के दिखाई दे रहे हैं
 
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किन्तु सभी कुछ धुंधला
 
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दृश्यों के हिसाब से
 
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जीवन बहुत छोटा
 
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दोनों तरफ की यात्राएं कर पाना कठिन
 
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काश !
 
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किसी मोड़ पर
 
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दोनों तरफ के यात्री
 
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मिल-बैठकर कुछ बातचीत करते।
 
मिल-बैठकर कुछ बातचीत करते।
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00:04, 3 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मोड़ के इस पार
सिर्फ इधर का दृश्य ही दिखाई दे रहा है
उस पार
सिर्फ उसी दिशा की चीजें

ठीक मोड़ पर खड़े होने पर
दृश्य
दोनों तरफ के दिखाई दे रहे हैं
किन्तु सभी कुछ धुंधला

दृश्यों के हिसाब से
जीवन बहुत छोटा
दोनों तरफ की यात्राएं कर पाना कठिन

काश !
किसी मोड़ पर
दोनों तरफ के यात्री
मिल-बैठकर कुछ बातचीत करते।