भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्रेम कविता / अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
प्रकाश बादल (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार=अनूप सेठी | |रचनाकार=अनूप सेठी | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
− | '''1.''' | + | <poem> |
+ | ::'''1.''' | ||
डयूटियाँ बहुत बजा लीं | डयूटियाँ बहुत बजा लीं | ||
− | |||
गृहस्थी और तुनक मिजाजी चलती रहेगी | गृहस्थी और तुनक मिजाजी चलती रहेगी | ||
− | |||
मौसम की तरह आओ बैठो | मौसम की तरह आओ बैठो | ||
− | |||
दोस्ती के दिनों की तरह | दोस्ती के दिनों की तरह | ||
− | |||
जरा देर और | जरा देर और | ||
− | |||
फिर एक-एक कप चाय के साथ और | फिर एक-एक कप चाय के साथ और | ||
− | |||
फिर किताबों की बात | फिर किताबों की बात | ||
− | |||
फिर कविता की बात | फिर कविता की बात | ||
− | |||
फिर संगीत का साथ | फिर संगीत का साथ | ||
− | |||
भरी बरसात | भरी बरसात | ||
− | |||
पानी से ऊब चूब बादल | पानी से ऊब चूब बादल | ||
− | |||
अब बरसे तब बरसे | अब बरसे तब बरसे | ||
− | |||
भिगो जाएं धरती आकाश | भिगो जाएं धरती आकाश | ||
− | + | ::2. | |
− | + | ||
− | 2. | + | |
− | + | ||
− | + | ||
आँखें बड़ी-बड़ी | आँखें बड़ी-बड़ी | ||
− | |||
बहुत पास | बहुत पास | ||
− | |||
दँत पंक्ति उनसे भी बड़ी | दँत पंक्ति उनसे भी बड़ी | ||
− | |||
पूर्ण स्मित हास | पूर्ण स्मित हास | ||
− | |||
इतनी दूर से | इतनी दूर से | ||
− | |||
इतने पास | इतने पास | ||
− | |||
गर्मजोशी सब कुछ बाँट लेने की | गर्मजोशी सब कुछ बाँट लेने की | ||
− | |||
सलेटी बादलों में उजास | सलेटी बादलों में उजास | ||
− | |||
इस खिड़की को खुला रहने दो | इस खिड़की को खुला रहने दो | ||
− | |||
झमाझम बारिश है | झमाझम बारिश है | ||
− | |||
बेखबर लहराती | बेखबर लहराती | ||
− | |||
समुद्री हवा अनायास | समुद्री हवा अनायास | ||
(1996) | (1996) | ||
+ | </poem> |
22:03, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
1.
डयूटियाँ बहुत बजा लीं
गृहस्थी और तुनक मिजाजी चलती रहेगी
मौसम की तरह आओ बैठो
दोस्ती के दिनों की तरह
जरा देर और
फिर एक-एक कप चाय के साथ और
फिर किताबों की बात
फिर कविता की बात
फिर संगीत का साथ
भरी बरसात
पानी से ऊब चूब बादल
अब बरसे तब बरसे
भिगो जाएं धरती आकाश
2.
आँखें बड़ी-बड़ी
बहुत पास
दँत पंक्ति उनसे भी बड़ी
पूर्ण स्मित हास
इतनी दूर से
इतने पास
गर्मजोशी सब कुछ बाँट लेने की
सलेटी बादलों में उजास
इस खिड़की को खुला रहने दो
झमाझम बारिश है
बेखबर लहराती
समुद्री हवा अनायास
(1996)