"हर किसी का अपना हो अंतरिक्ष / अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर
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एक अंतरिक्ष है | एक अंतरिक्ष है | ||
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सब उसमें हैं | सब उसमें हैं | ||
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बना लें अगर हम भी अपना एक अंतरिक्ष | बना लें अगर हम भी अपना एक अंतरिक्ष | ||
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सब हममें हो जाएं | सब हममें हो जाएं | ||
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शुरू हों समय से पहले | शुरू हों समय से पहले | ||
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फैल जाएं समय के परे | फैल जाएं समय के परे | ||
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नीली स्फटिक पृथ्वी हों हम | नीली स्फटिक पृथ्वी हों हम | ||
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अग्निपिंड सूर्य हो एक | अग्निपिंड सूर्य हो एक | ||
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झूम झूम घूमें अनवरत | झूम झूम घूमें अनवरत | ||
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टिकें रहें शून्य में भी | टिकें रहें शून्य में भी | ||
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एक चांद हो रातों में उजास भरने वाला | एक चांद हो रातों में उजास भरने वाला | ||
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बलैंया लेकर घूमे कलाएं दरसाता | बलैंया लेकर घूमे कलाएं दरसाता | ||
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किंवदंतियों सा दिखा करे छिपा करे | किंवदंतियों सा दिखा करे छिपा करे | ||
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तयशुदा दूरी हो पर हमारा हो | तयशुदा दूरी हो पर हमारा हो | ||
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इस भरोसे नींद आए | इस भरोसे नींद आए | ||
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अंतरिक्ष होगा पूरा | अंतरिक्ष होगा पूरा | ||
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अनगिनत जब तारे गढ़ेंगे हम | अनगिनत जब तारे गढ़ेंगे हम | ||
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दिपदिप अंधकार में ढूंढा करेंगे | दिपदिप अंधकार में ढूंढा करेंगे | ||
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कौन है जो झिलमिलाता है | कौन है जो झिलमिलाता है | ||
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कुछ कहता है बुलाता है | कुछ कहता है बुलाता है | ||
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किसी के शायद सितारे हो जाएं हम भी | किसी के शायद सितारे हो जाएं हम भी | ||
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अनगिनत लोगों के साथ | अनगिनत लोगों के साथ | ||
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रहते हैं हम बिसर जाते हैं | रहते हैं हम बिसर जाते हैं | ||
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जब बनाएंगे अंतरिक्ष | जब बनाएंगे अंतरिक्ष | ||
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कोई बिसरेगा न बिछड़ेगा | कोई बिसरेगा न बिछड़ेगा | ||
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अनंत की छाती पर टंकेगा | अनंत की छाती पर टंकेगा | ||
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टिमटिमाएगा | टिमटिमाएगा | ||
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इतने पास होगा हमारे | इतने पास होगा हमारे | ||
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हम इतने प्यारे हो जाएंगे | हम इतने प्यारे हो जाएंगे | ||
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कोई सितारा जगाएगा | कोई सितारा जगाएगा | ||
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कोई सुलाएगा | कोई सुलाएगा | ||
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ब्रह्मांड में रहेंगे हम अनंत | ब्रह्मांड में रहेंगे हम अनंत | ||
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(1989) | (1989) | ||
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22:10, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
एक अंतरिक्ष है
सब उसमें हैं
बना लें अगर हम भी अपना एक अंतरिक्ष
सब हममें हो जाएं
शुरू हों समय से पहले
फैल जाएं समय के परे
नीली स्फटिक पृथ्वी हों हम
अग्निपिंड सूर्य हो एक
झूम झूम घूमें अनवरत
टिकें रहें शून्य में भी
एक चांद हो रातों में उजास भरने वाला
बलैंया लेकर घूमे कलाएं दरसाता
किंवदंतियों सा दिखा करे छिपा करे
तयशुदा दूरी हो पर हमारा हो
इस भरोसे नींद आए
अंतरिक्ष होगा पूरा
अनगिनत जब तारे गढ़ेंगे हम
दिपदिप अंधकार में ढूंढा करेंगे
कौन है जो झिलमिलाता है
कुछ कहता है बुलाता है
किसी के शायद सितारे हो जाएं हम भी
अनगिनत लोगों के साथ
रहते हैं हम बिसर जाते हैं
जब बनाएंगे अंतरिक्ष
कोई बिसरेगा न बिछड़ेगा
अनंत की छाती पर टंकेगा
टिमटिमाएगा
इतने पास होगा हमारे
हम इतने प्यारे हो जाएंगे
कोई सितारा जगाएगा
कोई सुलाएगा
ब्रह्मांड में रहेंगे हम अनंत
(1989)