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"वर्षा / अब्दुर्रहमान" के अवतरणों में अंतर
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सलिलेहिं वर शालूरेंहि परसेउ रसेउ स्वरे। | सलिलेहिं वर शालूरेंहि परसेउ रसेउ स्वरे। | ||
कल कल किउ कल कंठहिं चढि आमहि शिखरे॥ | कल कल किउ कल कंठहिं चढि आमहि शिखरे॥ | ||
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22:40, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
इमि तपिअउ बहु ग्रीष्म सकौं कस बोलियऊ।
पथिक! आव पुनि पावस ढीठ न आव पियऊ ।
चौदिसि घोरंधार छाय गउ गरुअ-भरो।
गगन-कुहर घुरघुरै सरोषउ अंबुधरो॥
वक छाडिय सलिल-हृद तरु शिखरहिं चढेऊ ।
तांडव करिय शिखंडिहि वर शिखरे रटेऊ ।
सलिलेहिं वर शालूरेंहि परसेउ रसेउ स्वरे।
कल कल किउ कल कंठहिं चढि आमहि शिखरे॥