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"बूढ़े पंखों का सहारा ले / अमित कल्ला" के अवतरणों में अंतर
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बूढे पंखों का | बूढे पंखों का |
00:05, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
बूढे पंखों का
सहारा ले
रंग
छिपे पहाडो तक
जा पहुचते
आप ही उत्त्पन
दिलासाओं के संग
सही - सही के
मायनों की दहलीजें
पार कर जाते हैं
हौले से ,
दौड़ते पानी की
रफ्तार माँप
काँच सी पोशाक
भिगो लेते
रंग
मांगे वाक्यों के
प्रतिबिम्बों में समाये
हाशियों को बिखेर ,
धकेलकर क्षितिज की देह
गहरे कोहरे को
मथने
कहीं और
निकल पड़ते ।
कुछ आहट
जरुर लगती है ।