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तुमने ख़ुद ही झाड़े थे  | तुमने ख़ुद ही झाड़े थे  | ||
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कितने कठफूल ।  | कितने कठफूल ।  | ||
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12:58, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
इसके पहले कि तुम उगो
ओ बीज
मैंने तुम्हें मिट्टी से ढाँपा था ।
इसके पहले कि तुम खिलो
ओ गुलाब
तुम्हारी कलम पर मैंने
थोपा था गोबर ।
इसके पहले कि तुम फलो
ओ बैगन के पौधे
तुमने ख़ुद ही झाड़े थे
कितने कठफूल ।
	
	