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"झरना / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर
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पहली ही पहली बार हमने-तुमने देखा झरना | पहली ही पहली बार हमने-तुमने देखा झरना | ||
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देखा कैसे जल उठता है गिरता है पत्थर पर | देखा कैसे जल उठता है गिरता है पत्थर पर | ||
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कैसे धान के लावों जैसा फूट-फूटकर झर पड़ता चट्टानों पर | कैसे धान के लावों जैसा फूट-फूटकर झर पड़ता चट्टानों पर | ||
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कितना ठंडा घना था कितना जल वह | कितना ठंडा घना था कितना जल वह | ||
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अभी-अभी धरती की नाभि खोल जो बाहर आया | अभी-अभी धरती की नाभि खोल जो बाहर आया | ||
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कौन जानता कितनी सदियों वह पृथ्वी की नस-नाड़ी में घूमा | कौन जानता कितनी सदियों वह पृथ्वी की नस-नाड़ी में घूमा | ||
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जीवन के आरम्भ से लेकर आज अभी तक | जीवन के आरम्भ से लेकर आज अभी तक | ||
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धरती को जो रहा भिंगोए | धरती को जो रहा भिंगोए | ||
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वही पुराना जल यह अपना | वही पुराना जल यह अपना | ||
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पहली ही पहली बार हमने-तुमने देखा झरना-- | पहली ही पहली बार हमने-तुमने देखा झरना-- | ||
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झरते जल को देख हिला | झरते जल को देख हिला | ||
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अपने भीतर का भी | अपने भीतर का भी | ||
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जल । | जल । | ||
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13:06, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
पहली ही पहली बार हमने-तुमने देखा झरना
देखा कैसे जल उठता है गिरता है पत्थर पर
कैसे धान के लावों जैसा फूट-फूटकर झर पड़ता चट्टानों पर
कितना ठंडा घना था कितना जल वह
अभी-अभी धरती की नाभि खोल जो बाहर आया
कौन जानता कितनी सदियों वह पृथ्वी की नस-नाड़ी में घूमा
जीवन के आरम्भ से लेकर आज अभी तक
धरती को जो रहा भिंगोए
वही पुराना जल यह अपना
पहली ही पहली बार हमने-तुमने देखा झरना--
झरते जल को देख हिला
अपने भीतर का भी
जल ।