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"हासिल / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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नोक महीन से महीन
 
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करने की ज़िद में इतना
 
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छीलता गया पेन्सिल
 
छीलता गया पेन्सिल
 
 
कि अन्त में हासिल रहा
 
कि अन्त में हासिल रहा
 
 
ठूँठ ।
 
ठूँठ ।
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13:22, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

नोक महीन से महीन
करने की ज़िद में इतना
छीलता गया पेन्सिल
कि अन्त में हासिल रहा
ठूँठ ।