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"भीत / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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मेरी एक तरफ़ बूढ़े हैं
 
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पीठ टिकाए बहुत पहले से बैठे जगह लूट
 
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कि उतरेगी पहले उन्हीं पर धूप
 
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मेरी दूसरी तरफ़ बच्चे हैं
 
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मेरी आड़ ले खेलते क्रिकेट
 
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कि गेंद यहीं जाएगी रुक
 
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मैं एक भीत
 
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खिर रही है एक-एक ईंट
 
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गारा बन चुका है धूर
 
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पर गिरूँ तो किधर मैं किस तरफ़
 
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खड़ा खड़ा दुखने लगा पैर ।
 
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13:30, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मेरी एक तरफ़ बूढ़े हैं
पीठ टिकाए बहुत पहले से बैठे जगह लूट
कि उतरेगी पहले उन्हीं पर धूप
मेरी दूसरी तरफ़ बच्चे हैं
मेरी आड़ ले खेलते क्रिकेट
कि गेंद यहीं जाएगी रुक

मैं एक भीत
खिर रही है एक-एक ईंट
गारा बन चुका है धूर

पर गिरूँ तो किधर मैं किस तरफ़
खड़ा खड़ा दुखने लगा पैर ।