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मैं जब उठूँ तो भादों हो | मैं जब उठूँ तो भादों हो | ||
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पूरा चन्द्रमा उगा हो ताड़ के फल सा | पूरा चन्द्रमा उगा हो ताड़ के फल सा | ||
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गंगा भरी हों धरती के बराबर | गंगा भरी हों धरती के बराबर | ||
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खेत धान से धधाए | खेत धान से धधाए | ||
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और हवा में तीज त्यौहार की गमक | और हवा में तीज त्यौहार की गमक | ||
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इतना भरा हो संसार | इतना भरा हो संसार | ||
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कि जब मैं उठूँ तो चींटी भर जगह भी | कि जब मैं उठूँ तो चींटी भर जगह भी | ||
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खाली न हो । | खाली न हो । | ||
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13:33, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
मैं जब उठूँ तो भादों हो
पूरा चन्द्रमा उगा हो ताड़ के फल सा
गंगा भरी हों धरती के बराबर
खेत धान से धधाए
और हवा में तीज त्यौहार की गमक
इतना भरा हो संसार
कि जब मैं उठूँ तो चींटी भर जगह भी
खाली न हो ।