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"अरूणाकाश / अरुणा राय" के अवतरणों में अंतर

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खिलते हैं अरूणाकाश<br>
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अरूणाकाश<br>
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दुखी आदमी ताकता है ऊपर
ठहाके उसे ही गुंजाते<br>
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अरूणाकाश  
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ठहाके उसे ही गुँजाते
आंसुओं के साथ मिट्टी<br>
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हैं  
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आँसुओं के साथ मिट्टी  
जब भारी हो जाता है दुख<br>
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में गिरता  
तब उपर उठती आह<br>
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तब ऊपर उठती आह  
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समेट लेता है जिसे
 
अरूणाकाश।
 
अरूणाकाश।
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14:47, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

जीवन के तमाम रंग
खिलते हैं अरूणाकाश
में
तितलियाँ उड़ती हैं
पक्षी अपनी चहचहाटों
से
गुँजाते हैं अरूणाकाश
तड़कर गिरने से पहले
बिजलियां कौंधती हैं
अरूणाकाश में
वहाँ संचित रहते हैं
सारे राग-विराग
दुखी आदमी ताकता है ऊपर
अरूणाकाश
ठहाके उसे ही गुँजाते
हैं
आँसुओं के साथ मिट्टी
में गिरता
जब भारी हो जाता है दुख
तब ऊपर उठती आह
समेट लेता है जिसे
अरूणाकाश।