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"आंखों के तरल जल का आईना / अरुणा राय" के अवतरणों में अंतर

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14:48, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मेरा यह आईना
शीशे का नहीं
जल का है

यह टूट कर
बिखरता नहीं

बहुत संवेदनशील है यह
तुम्हारे कांपते ही
तुम्हारी छवि को
हजार टुकडों में
बिखेर देगा यह

इसलिए
इसके मुकाबिल होओ
तो थोडा संभलकर

और हां
इसमें अपना अक्श
देखने के लिए
थोडा झुकना पडता है
यह आंखों के तरल
जल का आईना है