भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अन्त / नरेन्द्र मोहन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
छो (नया पृष्ठ: '''रचनाकार : नरेन्द्र मोहन''' == शीर्षक == मैं मौन का दरवाज़ा लांघता हू…)
 
छो
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
'''रचनाकार : नरेन्द्र मोहन'''  
 
'''रचनाकार : नरेन्द्र मोहन'''  
== शीर्षक ==
+
 
  
 
मैं मौन का दरवाज़ा  
 
मैं मौन का दरवाज़ा  
 +
 
लांघता हूँ  
 
लांघता हूँ  
 +
 
बिना शब्द किये  
 
बिना शब्द किये  
 +
 
अन्त की ओर  
 
अन्त की ओर  
 +
  
 
यहाँ न रंग दिखते हैं न रेखाएँ  
 
यहाँ न रंग दिखते हैं न रेखाएँ  
 +
 
न रूप न अरूप  
 
न रूप न अरूप  
 +
 
दिखती है  
 
दिखती है  
 +
 
एक चमकीली मछली  
 
एक चमकीली मछली  
 +
 
जूझती  
 
जूझती  
 +
 
हाँफती  
 
हाँफती  
 +
 
तेज़ लहरों के खिलाफ  
 
तेज़ लहरों के खिलाफ  
 +
  
 
अन्त की शुरूआत ऐसे ही होती है क्या ?
 
अन्त की शुरूआत ऐसे ही होती है क्या ?

22:40, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण

रचनाकार : नरेन्द्र मोहन


मैं मौन का दरवाज़ा

लांघता हूँ

बिना शब्द किये

अन्त की ओर


यहाँ न रंग दिखते हैं न रेखाएँ

न रूप न अरूप

दिखती है

एक चमकीली मछली

जूझती

हाँफती

तेज़ लहरों के खिलाफ


अन्त की शुरूआत ऐसे ही होती है क्या ?