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"अन्त / नरेन्द्र मोहन" के अवतरणों में अंतर
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तेज़ लहरों के खिलाफ | तेज़ लहरों के खिलाफ | ||
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अन्त की शुरूआत ऐसे ही होती है क्या ? | अन्त की शुरूआत ऐसे ही होती है क्या ? |
22:40, 5 नवम्बर 2009 का अवतरण
रचनाकार : नरेन्द्र मोहन
मैं मौन का दरवाज़ा
लांघता हूँ
बिना शब्द किये
अन्त की ओर
यहाँ न रंग दिखते हैं न रेखाएँ
न रूप न अरूप
दिखती है
एक चमकीली मछली
जूझती
हाँफती
तेज़ लहरों के खिलाफ
अन्त की शुरूआत ऐसे ही होती है क्या ?