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"तू मुझे इतने प्यार से मत देख / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर

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तू मुझे इतने प्यार से मत देख<br>
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तेरी पलकों ने नर्म साये में<br>
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धूप भी चांदनी सी लगती है<br>
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और मुझे कितनी दूर जाना है<br>
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रेत है गर्म, पाँव के छाले<br>
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यूँ दमकते हैं जैसे अंगारे<br>
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प्यार की ये नज़र रहे, न रहे<br>
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कौन दश्त-ए-वफ़ा में जाता है<br>
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तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे<br>
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तू मुझे इतने प्यार से मत देख
 
तू मुझे इतने प्यार से मत देख
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तेरी पलकों के  नर्म साये में
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धूप भी चांदनी सी लगती है
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और मुझे कितनी दूर जाना है
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रेत है गर्म, पाँव के छाले
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यूँ दमकते हैं जैसे अंगारे
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प्यार की ये नज़र रहे, न रहे
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कौन दश्त-ए-वफ़ा में जाता है
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तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे
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तू मुझे इतने प्यार से मत देख
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23:29, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

 
तू मुझे इतने प्यार से मत देख
तेरी पलकों के नर्म साये में
धूप भी चांदनी सी लगती है
और मुझे कितनी दूर जाना है
रेत है गर्म, पाँव के छाले
यूँ दमकते हैं जैसे अंगारे
प्यार की ये नज़र रहे, न रहे
कौन दश्त-ए-वफ़ा में जाता है
तेरे दिल को ख़बर रहे न रहे
तू मुझे इतने प्यार से मत देख