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"शब्द संस्कृति / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
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10:51, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
अभी-अभी
महामहिम ने
संस्कृति उगली
कवि ने
आगे बढ़कर
उसे रुमाल पर लिया
और तुकबन्दी के पीकदान में
सहेज लिया
शब्द हे !
क्या तुम सचमुच ढल गये
एक बार
फि---र
हमें छल गये।
