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"एक बच्चे का एकालाप / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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<poem>हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
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मेरी मां सुबह से
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भैया टी.वी.देख रहे हैं
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पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं
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दादी मां मन्दिर जा रही है
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हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
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मेरी मां
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सुबह से  
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लगातार
 
लगातार
 
लगातार
लगातार कपड़े धो रही है
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कपड़े धो रही है
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वह चौके-बासन से निंबटकर
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हाथ पोंछते हुए
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उसके बिस्तर तक जाती है
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और दो इस्पाती हथेलियों में
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कैद हो जाती है
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********
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वह आदमी
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जो हर पोस्टर पर छपा है
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हर दीवार पर खुदा है
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जो हज़ार बरसों से गुमशुदा है....।</poem>
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13:30, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

भैया टी.वी.देख रहे हैं
पिता जी अखबार पढ़ रहे हैं
दादी मां मन्दिर जा रही है
हमारी बिल्ली बाहर धूप में सो रही है
मेरी मां
सुबह से
लगातार
लगातार
कपड़े धो रही है