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"तिरे प्यार का नाम / अली सरदार जाफ़री" के अवतरणों में अंतर
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|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री | |रचनाकार=अली सरदार जाफ़री | ||
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फैल जाती है तिरे हर्फ़े-वफ़ा की ख़ुशबू | फैल जाती है तिरे हर्फ़े-वफ़ा की ख़ुशबू | ||
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से | कोई कहता है मगर रूह की गहराई से |
13:40, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
दिल पे जब होती है यादों की सुनहरी बारिश
सारे बीते हुए लम्हों के कँवल खिलते हैं
फैल जाती है तिरे हर्फ़े-वफ़ा की ख़ुशबू
कोई कहता है मगर रूह की गहराई से
शिद्दते-तश्नःलबी१ भी है तिरे प्यार का नाम
१.प्यास की तिव्रता