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"उस शाम / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर
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22:17, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
उस शाम
शरारती बच्चों जैसे
उन पहाड़ों ने
आँख मिचौनी खेलते हुए
सूरज को ख़ूब छकाया
उसकी दिप-दिप थाली पर
मारकर हाथ
सारा गुलाल
दिया उड़ा
और भाग खड़े हुए
अबकी बार
छिप गया
सूरज भी कहीं
नही मिला
देवदारुओं को ढूंढने पर भी
तब
मट्मैला बैंजनी सूट पहन
तारों की ओढ़नी लिए
पहाड पर
उतर आई रात