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"टुकड़ों में बँटा घर-एक / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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घंटी बजते ही
 
घंटी बजते ही

23:20, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

घंटी बजते ही
उस औरत को याद आया
कब से बैठी थी
अंधरे में...

बत्ती जलाते हुए
भागकर अलगनी से दुपट्टा खींचा
और
पलक झपकते
उसमें सिमट गई

खोला द्वार
डाकिये ने
दिया तार
मुल्क के लिए
बहादुरी से लड़ते
हुए
हुआ शहीद आपका बेटा
अब्दुल
हमीद