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"जीवन का झरना / आरसी प्रसाद सिंह" के अवतरणों में अंतर

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रचनाकार : आरसी प्रसाद सिंह


जीवन क्या है निर्झर है

मस्ती ही इसका पानी है

सुख दुख के दोनों तीरों से

चल रहा राह मनमानी है