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"धर्म की कमाई / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर

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सौंर और गोंड स्त्रियाँ चिरौंजी बनिए की दुकान
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पर ले जाती हैं। बनिया तराजू के एक पल्ले पर नमक
 
पर ले जाती हैं। बनिया तराजू के एक पल्ले पर नमक
 
 
और दूसरे पर चिरौंजी बराबर तोल कर दिखा देता है
 
और दूसरे पर चिरौंजी बराबर तोल कर दिखा देता है
 
 
और कहता है, हम तो ईमान की कमाई खाते हैं।
 
और कहता है, हम तो ईमान की कमाई खाते हैं।
 
  
 
स्त्रियाँ नमक ले कर घर जाती हैं। बनिया
 
स्त्रियाँ नमक ले कर घर जाती हैं। बनिया
 
 
मिठाइयां बनाता और बेचता है। उस की दुकान
 
मिठाइयां बनाता और बेचता है। उस की दुकान
 
 
का नाम है। अब वह चिरौंजी की बर्फी बनाता है,
 
का नाम है। अब वह चिरौंजी की बर्फी बनाता है,
 
 
दूर दूर तक उस की चर्चा है। गाहक दुकान पर  
 
दूर दूर तक उस की चर्चा है। गाहक दुकान पर  
 
 
पूछते हुए जाते हैं। कीन कर ले जाते हैं, खाते और खिलाते हैं।
 
पूछते हुए जाते हैं। कीन कर ले जाते हैं, खाते और खिलाते हैं।
 
  
 
बनिया धरम करम की चर्चा करता है। कहता
 
बनिया धरम करम की चर्चा करता है। कहता
 
 
है, धरम का दिया खाते हैं, भगवान् के गुण गाते हैं।
 
है, धरम का दिया खाते हैं, भगवान् के गुण गाते हैं।
  
 
रचनाकाल :02.11.2002
 
रचनाकाल :02.11.2002
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21:20, 7 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

सौंर और गोंड स्त्रियाँ चिरौंजी बनिए की दुकान
पर ले जाती हैं। बनिया तराजू के एक पल्ले पर नमक
और दूसरे पर चिरौंजी बराबर तोल कर दिखा देता है
और कहता है, हम तो ईमान की कमाई खाते हैं।

स्त्रियाँ नमक ले कर घर जाती हैं। बनिया
मिठाइयां बनाता और बेचता है। उस की दुकान
का नाम है। अब वह चिरौंजी की बर्फी बनाता है,
दूर दूर तक उस की चर्चा है। गाहक दुकान पर
पूछते हुए जाते हैं। कीन कर ले जाते हैं, खाते और खिलाते हैं।

बनिया धरम करम की चर्चा करता है। कहता
है, धरम का दिया खाते हैं, भगवान् के गुण गाते हैं।

रचनाकाल :02.11.2002