भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|रचनाकार=अशोक वाजपेयी
|संग्रह=कुछ रफ़ू कुछ थिगड़े / अशोक वाजपेयी
}}हलके से {{KKCatKavita}}
वह पत्ती हवा में हलके से काँपी
हवा उस पत्ती के पास से गुज़रते हुए हलके से काँपी
एक बच्चा उधर बैठे ठण्ड से हलका सा काँपा
एक बूढ़े के लगभग मरणासन्न चेहरे पर
जीवन फिर से काँपा और शान्त हो गया ।
</poem>