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"जीवन / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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तुम्हें जीने के लिए  
 
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कम से कम क्या चाहिए ?  
 
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थोड़ी सी रोटी, कुछ नमक, पानी,  
 
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एक बसेरा, एक दरी, एक चादर,  
 
एक बसेरा, एक दरी, एक चादर,  
 
 
 
एक जोड़ी कपड़े, एक थैला,  
 
एक जोड़ी कपड़े, एक थैला,  
 
 
 
दो चप्पलें,  
 
दो चप्पलें,  
 
 
 
कुछ शब्द, एकाध पुस्तक, कुछ गुनगुनाहट,  
 
कुछ शब्द, एकाध पुस्तक, कुछ गुनगुनाहट,  
 
 
 
दो-चार फूल, मातृस्मृति,  
 
दो-चार फूल, मातृस्मृति,  
 
 
 
दूर चला गया बचपन,  
 
दूर चला गया बचपन,  
 
 
 
पास आती मृत्यु।  
 
पास आती मृत्यु।  
 
 
 
तुम्हें कविता करने के लिए क्या चाहिए ?  
 
तुम्हें कविता करने के लिए क्या चाहिए ?  
 
 
 
बहुत सारा जीवन, पूर्वज,  
 
बहुत सारा जीवन, पूर्वज,  
 
 
 
प्रेम, आँसू, अपमान,  
 
प्रेम, आँसू, अपमान,  
 
 
 
लोगों का शोरगुल, अरण्य का एकान्त,  
 
लोगों का शोरगुल, अरण्य का एकान्त,  
 
 
 
भाषा का घर, लय का अन्तरिक्ष,  
 
भाषा का घर, लय का अन्तरिक्ष,  
 
 
 
रोटी का टुकड़ा, नमक की दली,  
 
रोटी का टुकड़ा, नमक की दली,  
 
 
 
पानी का घड़ा  
 
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और निर्दय आकाश।
 
और निर्दय आकाश।
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18:38, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

तुम्हें जीने के लिए
कम से कम क्या चाहिए ?
थोड़ी सी रोटी, कुछ नमक, पानी,
एक बसेरा, एक दरी, एक चादर,
एक जोड़ी कपड़े, एक थैला,
दो चप्पलें,
कुछ शब्द, एकाध पुस्तक, कुछ गुनगुनाहट,
दो-चार फूल, मातृस्मृति,
दूर चला गया बचपन,
पास आती मृत्यु।
तुम्हें कविता करने के लिए क्या चाहिए ?
बहुत सारा जीवन, पूर्वज,
प्रेम, आँसू, अपमान,
लोगों का शोरगुल, अरण्य का एकान्त,
भाषा का घर, लय का अन्तरिक्ष,
रोटी का टुकड़ा, नमक की दली,
पानी का घड़ा
और निर्दय आकाश।