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"पुश्तैनी तोप / असद ज़ैदी" के अवतरणों में अंतर

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आप कभी हमारे यहाँ आकर देखिए
 
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हमारा दारिद्रय कितना विभूतिमय है
 
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एक मध्ययुगीन तोप है रखी हुई
 
एक मध्ययुगीन तोप है रखी हुई
 
 
जिसे काम में लाना बड़ा मुश्किल है
 
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हमारी इस मिल्कियत का
 
हमारी इस मिल्कियत का
 
 
पीतल हो गया है हरा, लोहा पड़ चुका है काला
 
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घंटा भर लगता है गोला ठूँसने में
 
घंटा भर लगता है गोला ठूँसने में
 
 
आधा पलीता लगाने में
 
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इतना ही पोज़ीशन पर लाने में
 
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फिर विपक्षियों पर दाग़ने के लिए
 
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इससे ख़राब और अविश्वसनीय जनाब
 
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हथियार भी कोई नहीं
 
हथियार भी कोई नहीं
 
  
 
इसे देखते ही आने लगती है
 
इसे देखते ही आने लगती है
 
 
हमारे दुश्मनों को हँसी
 
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इसे सलामी में दाग़ना भी
 
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मुनासिब नहीं है
 
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आख़िर मेहमान को दरवाज़े पर  
 
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कितनी देर तक खड़ा रखा जा सकता है
 
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19:00, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

आप कभी हमारे यहाँ आकर देखिए
हमारा दारिद्रय कितना विभूतिमय है

एक मध्ययुगीन तोप है रखी हुई
जिसे काम में लाना बड़ा मुश्किल है
हमारी इस मिल्कियत का
पीतल हो गया है हरा, लोहा पड़ चुका है काला

घंटा भर लगता है गोला ठूँसने में
आधा पलीता लगाने में
इतना ही पोज़ीशन पर लाने में

फिर विपक्षियों पर दाग़ने के लिए
इससे ख़राब और अविश्वसनीय जनाब
हथियार भी कोई नहीं

इसे देखते ही आने लगती है
हमारे दुश्मनों को हँसी

इसे सलामी में दाग़ना भी
मुनासिब नहीं है
आख़िर मेहमान को दरवाज़े पर
कितनी देर तक खड़ा रखा जा सकता है