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"घंटी / असद ज़ैदी" के अवतरणों में अंतर
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धरती पर कोई सौ मील दूर सुस्त कुत्ते की तरह पड़ा हमारा दर्द | धरती पर कोई सौ मील दूर सुस्त कुत्ते की तरह पड़ा हमारा दर्द | ||
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अचानक आ घेरता है नए शहर में | अचानक आ घेरता है नए शहर में | ||
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तेज़-रफ़्तार वाहन पर बैठे-बैठे | तेज़-रफ़्तार वाहन पर बैठे-बैठे | ||
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आँखें मुंद जाती हैं मेज़बान अचंभे में पड़ जाते हैं : | आँखें मुंद जाती हैं मेज़बान अचंभे में पड़ जाते हैं : | ||
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तुम ये क्या कर रहे हो वह पूछते हैं | तुम ये क्या कर रहे हो वह पूछते हैं | ||
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हम विदा हो रहे हैं | हम विदा हो रहे हैं | ||
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हम विदा हो रहे हैं पारे की बूँदों की तरह | हम विदा हो रहे हैं पारे की बूँदों की तरह | ||
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हम विदा हो रहे हैं चमकते हुए | हम विदा हो रहे हैं चमकते हुए | ||
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हम क्या कर रहे हैं दोस्तों ? हम विदा हो रहे हैं | हम क्या कर रहे हैं दोस्तों ? हम विदा हो रहे हैं | ||
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आकाश एक तंग छतरी बनकर रह गया है इस जगह की | आकाश एक तंग छतरी बनकर रह गया है इस जगह की | ||
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हर चीज़ मेरे गले तक आ गई है | हर चीज़ मेरे गले तक आ गई है | ||
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दिन की यह निर्णायक घड़ी एक सतत घंटी बनकर | दिन की यह निर्णायक घड़ी एक सतत घंटी बनकर | ||
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टनटना रही है सलाम ! | टनटना रही है सलाम ! | ||
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मैं अब जाऊँगा | मैं अब जाऊँगा | ||
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19:00, 8 नवम्बर 2009 का अवतरण
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धरती पर कोई सौ मील दूर सुस्त कुत्ते की तरह पड़ा हमारा दर्द
अचानक आ घेरता है नए शहर में
तेज़-रफ़्तार वाहन पर बैठे-बैठे
आँखें मुंद जाती हैं मेज़बान अचंभे में पड़ जाते हैं :
तुम ये क्या कर रहे हो वह पूछते हैं
हम विदा हो रहे हैं
हम विदा हो रहे हैं पारे की बूँदों की तरह
हम विदा हो रहे हैं चमकते हुए
हम क्या कर रहे हैं दोस्तों ? हम विदा हो रहे हैं
आकाश एक तंग छतरी बनकर रह गया है इस जगह की
हर चीज़ मेरे गले तक आ गई है
दिन की यह निर्णायक घड़ी एक सतत घंटी बनकर
टनटना रही है सलाम !
मैं अब जाऊँगा