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"विस्मृत आवास / असद ज़ैदी" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=बहनें और अन्य कविताएँ / असद ज़ैदी
 
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टूटी फूटी उजाड़ बन्द अकेली कुटिया
 
टूटी फूटी उजाड़ बन्द अकेली कुटिया
 
 
खुलो ! मेहमानों को पानी दो
 
खुलो ! मेहमानों को पानी दो
 
 
तुम्हारा सुस्त निवासी देखो आया है
 
तुम्हारा सुस्त निवासी देखो आया है
 
 
बोलो कितने दिनों से बन्द हो, माँ कहाँ है ?
 
बोलो कितने दिनों से बन्द हो, माँ कहाँ है ?
 
 
खुलो एक अच्छी ख़बर की तरह
 
खुलो एक अच्छी ख़बर की तरह
 
 
नहीं तो एक बुरी ख़बर ही की तरह सही
 
नहीं तो एक बुरी ख़बर ही की तरह सही
 
 
अचानक गले लिपट कर शर्मिन्दा कर दो मुझे ।
 
अचानक गले लिपट कर शर्मिन्दा कर दो मुझे ।
 
 
कि जहाँ मेरी यादें समाप्त होती हैं माँ रहती होगी
 
कि जहाँ मेरी यादें समाप्त होती हैं माँ रहती होगी
 
 
और जहाँ मैं गेंद की तरह उछलता हूँ बचपन में
 
और जहाँ मैं गेंद की तरह उछलता हूँ बचपन में
 
 
अब सूखी हवा चलती होगी
 
अब सूखी हवा चलती होगी
 
 
कुटिया बनो ऎसी सज़ा जैसी माँ ने नहीं दी
 
कुटिया बनो ऎसी सज़ा जैसी माँ ने नहीं दी
 
 
हमें क़ैद कर लो यहाँ कि दीख पड़े अचानक हमें आसमान ।
 
हमें क़ैद कर लो यहाँ कि दीख पड़े अचानक हमें आसमान ।
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19:11, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

टूटी फूटी उजाड़ बन्द अकेली कुटिया
खुलो ! मेहमानों को पानी दो
तुम्हारा सुस्त निवासी देखो आया है
बोलो कितने दिनों से बन्द हो, माँ कहाँ है ?
खुलो एक अच्छी ख़बर की तरह
नहीं तो एक बुरी ख़बर ही की तरह सही
अचानक गले लिपट कर शर्मिन्दा कर दो मुझे ।
कि जहाँ मेरी यादें समाप्त होती हैं माँ रहती होगी
और जहाँ मैं गेंद की तरह उछलता हूँ बचपन में
अब सूखी हवा चलती होगी
कुटिया बनो ऎसी सज़ा जैसी माँ ने नहीं दी
हमें क़ैद कर लो यहाँ कि दीख पड़े अचानक हमें आसमान ।